sqn leader veena saharan and co-pilot monika
देश की नारी शक्ति ने पुरुष वर्चस्व का एक और दुर्ग ढहा दिया है। स्क्वाड्रन लीडर वीणा सहारन भारतीय वायु सेना के परिवहन बेड़े के सबसे विशाल और ताकतवर विमान 'गजराज' को उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बन गई हैं। इस उड़ान में वीणा के साथ फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोनिका ने भी इतिहास रचा। मोनिका ने गजराज की पहली महिला तकनीकी अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया
27 वर्षीय वीणा इससे पहले वायु सेना के परिवहन विमान एएन-32 की पायलट थीं। हाल ही में उन्होंने आगरा से मेंटिनेंस कन्वर्जन कोर्स कर गजराज कहलाने वाले वायु सेना के विशालकाय विमान आईएल-76 की पहली महिला पायलट होने का हक हासिल कर लिया। वीणा इस समय वायु सेना के स्क्वाड्रन 44 में नागपुर में तैनात हैं।
गुलाबी नगरी जयपुर में जन्मी वीणा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से भौतिकी में स्नातक किया। वह दिसंबर 2002 में वायु सेना में शामिल हुई थीं। दो हजार घंटे की उड़ान का अनुभव रखने वाली वीणा ने अभी गजराज के साथ केवल 15 घंटे की ही उड़ान भरी है। लेकिन, उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। अपनी उपलब्धि पर वीणा ने कहा, एएन-32 से आईएल-76 तक का सफर मेरे लिए बहुत बड़ी उड़ान है। गजराज सरीखे ताकतवर और विशालकाय विमान की पायलट बनना मेरे लिए बहुत गौरवशाली क्षण हैं। बताते चलें कि वीणा के पिता भी रक्षा अधिकारी हैं और जयपुर में तैनात हैं।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोनिका के पिता भी फ्लाइट इंजीनियर रहे हैं। राजस्थान की भीलवाड़ा की रहने वाली मोनिका का कहना है कि महिला होने के कारण उन्हें कभी किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा, 'वायु सेना में हमें कोई भेदभाव देखने को नहीं मिलता। साथी पुरुष अधिकारी महिलाओं का सम्मान करते हैं और उन्हें आगे बढ़ाने का मौका देते हैं।' उल्लेखनीय है कि वायु सेना में इस समय सौ से अधिक महिलाएं पायलट हैं और करीब 150 तकनीकी अधिकारी हैं।
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